मैं नागों में अनंत (शेष नाग) हूं।- श्रीकृष्ण पंचनाग : अनंत (शेष), वासुकी, तक्षक, कार्कोटक और पिंगला- उक्त पांच नागों के कुल के लोगों का ही भारत में वर्चस्व था। यह सभी कश्यप वंशी थे, लेकिन इन्ही से नागवंश चला।
हिंदू धर्म के दो भाग माने जाते हैं:- पहला वेद और दूसरा पुराण। नाग पूजा का प्रचलन पुराण पर आधारित है। माना जाता है कि मूलत: शैव, शाक्त, नाथ और नाग पंथियों में ही नागों की पूजा का प्रचलन था। वैष्णव आर्य तो परमशक्ति ब्रह्म (ईश्वर) के अलावा प्रकृति के पांच तत्वों की स्तुति करते थे। पुराणों में जो कुछ भी है उनमें आर्य और द्रविड़ दोनों की ही संस्कृति, वंश परंपरा और धर्म का इतिहास है। इसी कारण पुराण विरोधाभासी लगते हैं।
भारत में आर्य, द्रविड़, दासों के साथ ही नागवंशी समाजों का प्रचलन प्राचीनकाल से ही रहा है। मूलत: दो ही जातियां थीं- आर्य और द्रविड़। इन्हीं में से दास और नाग वंशियों की उत्पत्ति मानी जाती है। उक्त चारों की संस्कृति, परम्पराएं और रीति-रिवाज अलग-अलग माने जाते थे। |
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